सूबे के नक्सल प्रभावित जिले सोनभद्र, मिर्जापुर और चंदौली में नक्सलियों के खिलाफ पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। करीब दस साल की जद्दोजहद के बाद इन तीन जिलों में बीएसएनएल के 78 मोबाइल टावर लग गए। करीब पखवारे भर पूर्व इन्हें चालू भी कर दिया गया है। इससे इन जिलों के 641 गांवों में रहने वाले लोगों को फायदा होगा। नक्सलियों के विरोध के चलते यहां अब तक टावर नहीं लग पाए थे।
टावर चालू होने से लोगों को तो सुविधा होगी ही, सर्विलांस की मदद से नक्सलियों की गतिविधियों का पता भी आसानी से चल पाएगा।
सोनभद्र, चंदौली और मिर्जापुर के कुछ गांवों में झारखंड, छत्तीसगढ़ और बिहार के नक्सली भी शरण लेते रहे हैं। शासन ने इन तीन जिलों के 641 गांवों को नक्सल प्रभावित घोषित किया है। यहां करीब दस साल पहले यहां मोबाइल टावर लगाने की योजना बनाई गई थी। नक्सलियों और माफियाओं के विरोध के चलते टावर नहीं लग पा रहे थे। नक्सलियों के डर से पहले तो टावर के लिए कोई जमीन देने को तैयार नहीं था। जमीन मिली तो टावर लगाने वाले ठेकेदार को भगा दिया जा रहा था।
स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने सूबे के डीजीपी और गृह मंत्रालय को इसकी रिपोर्ट भेजी थी। इसे गंभीरता से लेते हुए संबंधित इलाके में सीआरपीएफ की टीमें लगाई गईं। पुलिस सुरक्षा में टावर लगाए जाने का काम शुरू हुआ। एक-एक कर मिर्जापुर में छह, चंदौली में छह और सोनभद्र में 66 मोबाइल टावर लगकर तैयार हो गए। सबसे पहले सोनभद्र में फिर चंदौली और मिर्जापुर जिले में लगे बीएसएनएल के टावरों को शुरू कर दिया गया।
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