BSNL के इंजीनियर्स चूहों को लेकर चिंतित

यातायात को सुगम बनाने के लिए एमपी नगर से पुलिस कन्ट्रोल रूम जहांगीराबाद तक लगभग तीन किलोमीटर लंबी सड़क चौड़ी हो चुकी है। यह सड़क पीडब्ल्यूडी संभाग क्रमांक-1 ने बनाई है।
इस पर लगभग 6 करोड़ 61 लाख रुपए खर्च हुए हैं। इसके बाद पीडब्ल्यूडी की विद्युत शाखा ने इस सड़क पर आकर्षक खंभे लगाकर उस पर एलईडी बल्ब लगाए हैं। इसके लिए लगभग 45 लाख रुपए अतिरिक्त खर्च किए गए है। 130 आकर्षक खंभों पर 120 वाॅट के एलईडी लगाए जा रहे हैं। अभी केबिल बिछाने का काम चल रहा है। अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो एक महीने के भीतर यह मार्ग दूधिया रोशनी में जगमगा उठेगा।

राजधानी के आसपास के जिलों में तैनात पुलिसकर्मी इनदिनों अपनी मूंछों पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। इसकी मुख्य वजह है पिछले दिनों डीआईजी केबी शर्मा का विदिशा दौरा। परेड निरीक्षण के दौरान पंडितजी ने मूंछ रखने वाले पुलिस कर्मियों को इसका रखरखाव ठीक ढंग से करने पर जोर दिया था। फिर क्या था, जनाब की नसीहत के बाद तो पुलिस कर्मियों ने मूंछों पर ताव देना शुरू कर दिया है। अब बदलाव यह देखने को मिल रहा है कि सफाचट रहने वाले जवान भी अपनी मूंछों की खेती बढ़ाने में जुट गए हैं। काम से नहीं तो शायद मूंछ से ही पूछ-परख बढ़ जाए।

प्रदेश में एक आईएएस अधिकारी ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपनी ही नोटिंग से अपना विशेष भत्ता नामंजूर करा दिया। जनाब एक उपक्रम में एमडी के पद पर पदस्थ हैं और दूसरे संस्थान के संचालक हैं। अकादमिक कार्यों से जुड़ी इस संस्था में पदस्थ होने वाले प्रशासनिक अफसरांे को विशेष भत्ते की पात्रता रहती है। जब एक अधीनस्थ अफसर ने खुद का और अपने उच्च अधिकारी के विशेष भत्ते का प्रस्ताव भेजा तो संचालक ने अपनी ही कलम से अपने हित से जुड़ा प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया। ऐसे अफसर विरले ही होते हैं, जो स्वहित से परे शासनहित में काम करते हैं।

भारतीय संचार निगम लिमिटेड के इंजीनियर इन दिनों चूहों को लेकर चिंतित हैं। उनकी परेशानी का सबब यह है कि चूहे आए दिन केबल कुतर जातेे हैं। इस वजह से बीएसएनएल का नेटवर्क प्रभावित होता है। कभी कभी केबल काटने से सर्वर तक डाउन हो जाता है। ऐसी स्थिति में ग्राहक सेवा केंद्र में आने वाले उपभोक्ताओं के आवश्यक कार्य तक नहीं हो पाते हैं। इससे दुखी होकर ग्राहक बीएसएनएल कर्मचारियों को खरी-खोटी सुनाते हैं। फलस्वरूप ऑफिस में तकरार और नोकझोक हो जाती है। चूहे पकड़ने के लिए विभाग ने पांच-पांच पिंजरे भी लगाए, मगर शातिर चूहे इसमें भी नहीं आए। 
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