बीएसएनएल के अधिकारियों ने बेंगलुरु की कंपनी राइट बर्ग को कॉल सेंटर चलाने के लिए एक साल का एग्रीमेंट किया। फिर निर्धारित एग्रीमेंट की तिथि के पहले टेंडर समाप्त कर सिक्यूरिटी मनी के रूप में जमा की गई दो करोड़
राशि की धोखाधड़ी कर ली। बिष्टुपुर थाना में कोलकाता निवासी मनीष कुमार यादव (कंपनी के मालिक) के बयान पर बीएसएनएल के चीफ जेनरल मैनेजर (रांची) के केके सिंह समेत 9 अधिकारियों को आरोपी बना 2 करोड़ की धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज कराया है।दर्ज मामले में केके सिंह के अलावा सब डिविजनल इंजीनियर अमित कुमार, जमशेदपुर के राजीव विद्यार्थी, राइट बर्ग इंफ्रॉटेक्निक प्राइवेट लिमिटेड के रायप्रोलु रामाशेषु कुमार, चित्कला कोलाचिना, विराशूभा रेड्डी, प्रमोद कुमार, जितेंद्र कुमार व मुरली कृष्ण चक शामिल हैं। तय एग्रीमेंट के बाद डिसकावा कंपनी के साथ टाइअप कर शहर में सेटअप भी तैयार किया था। यह टाइअप शहर के साथ असम के लिए किया था। बिष्टुपुर थानेदार बिष्णु राउत ने कहा- मनीष यादव बीएसएनएल का कॉल सेंटर चलाते हैं। बीएसएनएल के अधिकारियों ने साजिश के तहत जनवरी 2020 में अचानक से बिना किसी नोटिस के कॉल सेंटर का टेंडर वापस ले लिया। इतना ही नहीं उनके द्वारा लगाए सेटअप पर कब्जा किया है।
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