जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। BSNL Broadband Connection : पांच साल बाद बीएसएनएल ने फिर से पंचायत स्तर पर ब्राडबैंड कनेक्शन देने का प्रयास शुरू किया है। अब पंचायत का कोई भी व्यक्ति मासिक किराया देकर कनेक्शन ले सकता है। मुरादाबाद टेलीफोन जिला में 885 गांव में आप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) पहुंचाया जा चुका है।
पहले निश्शुल्क देना था ब्रॉडबैंड कनेक्शन
केंद्र सरकार ने गांवों को डिजिटल बनाने के लिए वर्ष 2014 में नेशनल फाइबर नेटवर्क बनाया था। केंद्र सरकार ने देश भर की सभी पंचायतों तक ओएफसी पहुंचाया। इसके जनिए गांवों को ब्राडबैंड कनेक्शन निश्शुल्क उपलब्ध कराया जाना था। केंद्र सरकार द्वारा कनेक्शन देने के अलावा कंप्यूटर लगाने, बिजली का कनेक्शन लगाने आदि की व्यवस्था भी करनी थी।
प्रदेश सरकार को करनी थीं ये व्यवस्थाएं
प्रदेश सरकार द्वारा पंचायत भवन या स्कूल भवन में सिस्टम लगाने और कंप्यूटर को चलाने के लिए आपरेटर की व्यवस्था करना था। पंचायत के लोग आकर निश्शुल्क सरकारी कार्य के लिए आवेदन कर सकते थे। जमीन का नक्शा आदि निकाल सकते थे। सेंटर के बाहर वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराया जाना था।
केंद्र सरकार बीएसएनएल को सौंपी थी जिम्मेदारी
केंद्र सरकार ने पंचायत स्तर तक ओएफसी पहुंचाने की जिम्मेदारी बीएसएनएल को सौंपी थी। जिसके तहत टेलीफोन जिला (मुरादाबाद, अमरोहा, सम्भल जिला) के 885 गांव तक ओएफसी व ब्राडबैंड की सुविधा उपलब्ध करा दिया गया है। लेकिन, राज्य सरकार से सहयोग नहीं मिलने गांव में निश्शुल्क ब्राडबैंड की सेवा शुरू नहीं हो पायी।
कनेक्शन देने के लिए तैनात किए गए अधिकारी
इसके बाद भारत ब्राडबैंड निगम को जिम्मेदारी सौंपी गयी, वह भी असफल रही। पांच साल बाद केंद्र सरकार ने फिर से प्रयास शुरू किया है। बीएसएनएल को सुविधा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। बीएसएनएल निश्शुल्क सेवा उपलब्ध नहीं कराएगा, मांग पर ग्रामीण जनता या सरकारी विभाग को ब्राडबैंड का कनेक्शन उपलब्ध कराएगा और मासिक किराया लेगा। उप महाप्रबंधक बीके शर्मा ने बताया कि गांव में ब्राडबैंड कनेक्शन देने के लिए ब्लाक स्तर पर एक अधिकारी तैनात किया गया है।
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