नई दिल्लीः सरकारी दूरसंचार कम्पनी भारत
संचार निगम लिमिटेड (बी.एस.एन.एल.) इन दिनों आर्थिक परेशानियों में घिरी
है। यही वजह है कि केन्द्र सरकार लागत को कम करने और कम्पनी के राजस्व में
सुधार के लिए 80,000 कर्मचारियों को स्वैच्छिक रिटायरमैंट स्कीम
(वी.आर.एस.) के तहत सेवानिवृत्ति देने पर विचार कर रही है।
सूत्रों के
अनुसार कम्पनी अगर इन कर्मचारियों को जल्द ‘नमस्ते’ कहती है तो इसके वेज
बिल (मजदूरी भुगतान) से करीब 7,500 करोड़ रुपए बच जाएंगे। बी.एस.एन.एल. साल
भर अपने कर्मचारियों के वेतन में 14,155 करोड़ रुपए खर्च करती है।
उल्लेखनीय है कि दूरसंचार सेवा प्रदाता
कम्पनी में अभी करीब 1.59 कर्मचारी हैं, इनमें 1.05 लाख ऐसे कर्मचारी हैं
जो 50 साल की उम्र पार कर चुके हैं। बी.एस.एन.एल. ने कर्मचारियों को आकर्षक
वी.आर.एस. प्लान देने की योजना की मंजूरी के लिए सरकार के पास जो प्रस्ताव
भेजा था उसे मंजूरी मिल गई है। सरकार से मंजूरी मिलने के बाद बी.एस.एन.एल.
अपनी इस योजना पर काम शुरू करने जा रही है। बताया जाता है कि वी.आर.एस.
कार्यक्रम 30 दिनों की अवधि के लिए खोला जाएगा।
वी.आर.एस. के दिशा-निर्देशों की समीक्षा के लिए समिति गठित
सरकार ने बी.एस.एन.एल. और महानगर टैलीफोन निगम लिमिटेड (एम.टी.एन.एल.) के कर्मचारियों के लिए वी.आर.एस. के दिशा-निर्देशों की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन भी कर दिया है। उम्मीद है कि समिति आज अपनी रिपोर्ट जमा कर दे। कम्पनी के कुल राजस्व का तीन चौथाई हिस्सा कर्मचारियों के वेतन देने में खर्च हो जाता है। ऐसे में 80,000 कर्मचारियों को वी.आर.एस. देने के बाद कम्पनी को राजस्व में बढ़ौतरी की उम्मीद है। इम्प्लाइज यूनियन के अनुसार बी.एस.एन.एल. का राजस्व 32,000 करोड़ से घटकर 18,000 करोड़ रह गया है।
सरकार ने बी.एस.एन.एल. और महानगर टैलीफोन निगम लिमिटेड (एम.टी.एन.एल.) के कर्मचारियों के लिए वी.आर.एस. के दिशा-निर्देशों की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन भी कर दिया है। उम्मीद है कि समिति आज अपनी रिपोर्ट जमा कर दे। कम्पनी के कुल राजस्व का तीन चौथाई हिस्सा कर्मचारियों के वेतन देने में खर्च हो जाता है। ऐसे में 80,000 कर्मचारियों को वी.आर.एस. देने के बाद कम्पनी को राजस्व में बढ़ौतरी की उम्मीद है। इम्प्लाइज यूनियन के अनुसार बी.एस.एन.एल. का राजस्व 32,000 करोड़ से घटकर 18,000 करोड़ रह गया है।