डे़ साहब ने बीएसएनएल का सर्वर डाउन कर दिया है। शहर के वीवीआईपी का यह हाल है कि वह बीएसएनएल को फोन बिल चुका ही नहीं रहे हैं। वीवीआईपी में शामिल जजेज और ऑफिसर्स पर बीएसएनएल का लाखों रुपए बकाया है, लेकिन ये लोग बिल देने की जहमत नहीं उठा रहे हैं। वहीं इससे परेशान बीएसएनएल विभाग ने करीब छह जजेज का कनेक्शन काट दिया है। जबकि अन्य वीवीआईपीज को नोटिस जारी किया है।
वीवीआईपी में कैटेगरी में शामिल
बीएसएनएल का जिन विभागों पर बकाया उनमें से अधिकतर ने अपने आप को वीवीआईपी केटेगरी में जुड़वा लिया है। क्योंकि, सामान्य उपभोक्ता होने पर टेलीफोन बिल जमा नहीं करने पर फोन स्वत: ही कट जाता है। फिर विभाग तीन महीने तक टेलीफोन बिल जमा होने का इंतजार करता है। उसके बाद टेलीफोन कनेक्शन को परमानेंट डिस्कनेक्ट कर दिया जाता है। जबकि वीवीआईपी केटेगरी में शामिल होने वाले उपभोक्ताओं का कनेक्शन बिल बकाया होने पर भी उनका कनेक्शन नहीं काटा जाता है। इसके चलते बकाया दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है। हालांकि कुछ जजेज को विभाग ने नोटिस जारी कनेक्शन जरूर काटा है।
7 करोड़ का बिल बकाया
टेलीफोन बिल बकाया की बात करें तो सबसे अधिक बिल जजेज, इनकम टैक्स अधिकारियों, फूड कंट्रोलर, अल्पसंख्यक विभाग, एडीएम- ई कम्पाउंड, जिला विकास अधिकारी और पुलिस थानों पर टेलीफोन बिल बकाया है। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सभी विभागों पर 8 से 9 महीने के बिल बकाया है। इन सभी पर फ्क् जनवरी से पहले के बिल हैं। जिन्हें नोटिस भेजा जा रहा है। मालूम हो कि वीवीआईपी और सामान्य कस्टमर्स को मिलकर करीब क्9 हजार उपभोक्ताओं पर विभाग का करीब 7 करोड़ का टेलीफोन बिल बकाया है।
किस पर कितना बकाया
- इनकम टैक्स अधिकारियों पर- क् लाख से ऊपर.
- पुलिस थानों पर - करीब एक लाख रुपए.
- अल्प संख्यक विभाग - म्ब् हजार रुपए.
- डिफेंस वालों पर - एक लाख रुपए.
- फूड कंट्रोलर - ब्0 हजार रुपए.
- एडीएम- ई कम्पाउंड - फ्8,7भ्8.
- जिला विकास अधिकारी - फ्8,000
- जजेज - करीब सवा लाख रुपए.
कई सरकारी विभागों और अधिकारियों पर विभाग का टेलीफोन बिल बकाया है। जिन्हें नोटिस भेजी जा रही है। वहीं कुछ लोगों को नोटिस भेजने के बाद कनेक्शन भी काट दिये गए हैं।
एएच खान, टीआरए अकाउंट, बीएसएनएल
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