रविशंकर प्रसाद का निर्देश- VRS पर जल्द कदम उठाएं BSNL और MTNL

टेलिकॉम मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने BSNL और MTNL को निर्देश दिया है कि वे स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) को लेकर दिशानिर्देशों को जल्द लागू करें और समयबद्ध तरीके से एसेट्स को बेचने के लिए सक्रिय कदम उठाएं. प्रसाद ने विभागीय अधिकारियों से साफ तौर पर कहा है कि उन्हें टेलिकॉम मार्केट में और ज्यादा अग्रेसिव बनना होगा.

इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि टेलिकॉम मिनिस्टर ने BSNL और MTNL बोर्ड से स्पष्ट रूप से कहा है कि उन्हें सरकार ने "मजबूत प्रोत्साहन पैकेज" दिया है और अब उन्हें कंप्टीशन में पूरी मजबूती से उतरना होगा.

‘जल्द लागू करें VRS स्कीम’

बीते 1 नवंबर को बैठक में रविशंकर प्रसाद ने दोनों कंपनियों के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) के दिशानिर्देशों को जल्दी लागू करें. उन्होंने कहा कि अब वह वीआरएस स्कीम की प्रोग्रेस की निगरानी खुद करेंगे.
सूत्रों के मुताबिक, मिनिस्टर ने BSNL और MTNL को यह भी कहा कि वे अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ बातचीत करने के लिए फील्ड में जाएं. मिनिस्टर ने कहा कि परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण के लिए सक्रिय उपाय भी जल्द से जल्द शुरू किए जाने चाहिए.
सूत्रों ने कहा कि मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि सरकार की ओर से जारी किए गए रिवाइवल पैकेज के साथ, BSNL और MTNL को अब परफॉर्मेंस भी दिखानी होगी.

MTNL और BSNL का विलय

बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बीते 23 अक्टूबर को महानगर टेलिकॉम निगम लिमिटेड (MTNL) और भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) के विलय को मंजूरी दे दी थी.
बता दें, MTNL मुंबई और दिल्ली में सेवाएं देती है, जबकि BSNL पूरे देश में टेलिकॉम सेवाएं मुहैया कराती है.

रिवाइवल पैकेज में क्या है?

मंजूर किए गए रिवाइवल पैकेज में 4G स्पेक्ट्रम की खरीद के लिए 20,140 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय और स्पेक्ट्रम आवंटन पर GST के लिए 3,674 करोड़ रुपये शामिल हैं. दोनों कंपनियां सॉवरेन गारंटी पर 15,000 करोड़ रुपये का लोन जुटाएंगी. सरकार ने दोनों कंपनियों के कर्मचारियों के VRS के लिए 17,160 करोड़ रुपये और रिटायरमेंट लाइबिलिटी के लिए 12,768 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है.
रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि अगले तीन सालों में दोनों फर्मों की करीब 37,500 करोड़ रुपये की संपत्ति का मौद्रीकरण होगा.
MTNL ने पिछले दस सालों में से 9 साल घाटा दिखाया है और BSNL भी साल 2010 से लगातार घाटे में चल रही है. दोनों कंपनियों पर करीब 40 हजार करोड़ का कर्ज है.
बता दें, सरकार ने पिछले महीने BSNL और MTNL के लिए 69,000 करोड़ रुपये के रिवाइवल पैकेज को मंजूरी दी थी. इसमें घाटे में चल रही दोनों कंपनियों के विलय, उनकी संपत्तियों का मौद्रीकरण और कर्मचारियों को वीआरएस देना भी शामिल है. इन कदमों से सरकार संयुक्त इकाई को दो साल के भीतर लाभ में लाना चाहती है.
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