BSNL चला 'मेक इन इंडिया' की राह, जापान की कंपनी के साथ लगेंगे मैन्युफैक्चरिंग प्लांट

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सरकारी कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) देश में ही टेलीकॉम उपकरण की मैन्युफैक्चरिंग करने की तैयारी में है। कंपनी अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए टेलीकॉम सेवाओं में इस्तेमाल होने वाली बैटरी, टूल किट्स, ऑप्टिकल फाइबर केबल में इस्तेमाल होने वाले उपकरण सहित दूसरे उपकरण बनाएगी। कंपनी इस काम में जापान की कंपनियों के साथ मिलकर देश में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाएगी। इसके लिए जल्द ही कंपनी जापान की कंपनियों के साथ समझौता (एमओयू) करेगी।
ज्वाइंट वेंचर के तहत लगेंगे प्लांट
 
कंपनी की योजनाओं के बारे में बीएसएनएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मनी भास्कर को बताया कि टेलीकाम उपकरण के लिए कंपनी ज्यादातर आयात पर निर्भर है, जो कि महंगा पड़ता है। ऐसे में अब कंपनी टेलीकॉम उपकरणों की खुद ही मैन्युफैक्चरिंग करने पर जोर दे रही है। इसके लिए जापान की कंपनियों से बातचीत चल रही है। अधिकारी के अनुसार प्लांट ज्वाइंट वेंचर की तहत लगेंगे। जिसमें 51 फीसदी बीएसएनएल की हिस्सेदारी होगी। जबकि 49 फीसदी हिस्सेदारी साझेदार कंपनी रखेगी।
 
क्या होगा बिजनेस मॉडल
 
अधिकारी के अनुसार बिजनेस मॉडल में बीएसएनएल जमीन मुहैया कराएगी। जबकि टेक्नॉलॉजी और फाइनेंशियल निवेश का जिम्मा साझेदार कंपनी के पास होगा। इस संबंध में एक प्लांट मुंबई में लगाया जाएगा। जिसके लिए जापान की कंपनी फुजीकूरा के साथ बातचीत अंतिम दौर में है। इसी मॉडल पर जापान की दूसरी कंपनियों के साथ भी बातचीत चल रही है। अधिकारी के अनुसार कंपनी के पास जमीन का काफी बड़ा बैंक है। ऐसे में इस मॉडल में कंपनी को निवेश की जरूरत नहीं पड़ेगी।
 
मोदी की जापान यात्रा का हुआ असर               
 
अधिकारी के अनुसार इस तरह के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने के लिए बातचीत यूपीए सरकार के समय से शुरू हुई थी। लेकिन हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान यात्रा के बाद इस दिशा में काफी तेजी आई है। जिसका असर यह हुआ है कि एक कंपनी के साथ मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैडिंग (एमओयू) जल्द ही होने की उम्मीद है। जबकि दूसरी कंपनियों के साथ बातचीत भी काफी एडवांस स्टेज पर पहुंच गई है।
 
घाटे में है बीएसएनएल
 
सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल को साल 2013-14 में 7085 करोड़ रुपये का शुद्ध नुकसान हुआ था। कंपनी अपने रिवाइवल के लिए अपने पास पड़े जमीन के बैंक को इस्तेमाल करना चाहती है। जापान की कंपनी के साथ होने वाले साझेदार में कंपनी जमीन के बैंक का इस्तेमाल करेगी। केंद्र सरकार बीएसएनएल और एमटीएनएल को रिवाइव करना चाहती है।
 
Source : bhaskar

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